Indian Army On China: कई स्थानों पर दो बड़ी सशस्त्र सेनाओं के बीच सीमा पर गतिरोध पैदा होने के बारे में पूछे जाने पर भारतीय थलसेना के कमांडर आर पी कलिता ने कहा कि विशेष रूप से मैकमहोन रेखा पर वास्तविक सीमा को ठीक से सीमांकित नहीं किया गया है।
हाइलाइट्स
- अरुणाचल प्रदेश के साथ लगती सीमा के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा चीन
- सड़क, रेल, हवाई यातायात से लेकर 5G मोबाइल टावर्स तक लगाए जा रहे
- सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख ने गुवाहाटी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबकुछ बताया
LAC के पास चीन ने बसाए गांव
कलिता ने कहा कि चीनी प्राधिकारियों ने एलएसी के पास सीमावर्ती गांव विकसित किए हैं, ताकि उनका इस्तेमाल इन दोनों लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं। हम भी हमारे बुनियादी ढांचे और क्षमताओं के साथ-साथ हालात से निपटने के लिए तंत्र का उन्नयन कर रहे हैं। इनसे हम मजबूत स्थिति में आ गए हैं।’ उन्होंने कहा कि भारतीय थलसेना ‘उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियों’ के साथ पूरी तरह तैयार है।
भारतीय थलसेना के कमांडर ने स्वीकार किया कि सीमावर्ती स्थलों पर क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करने में दुर्गम स्थल और खराब मौसम सबसे बड़ी चुनौती हैं, जिनके कारण इन परियोजनाओं को पूरा करने में देरी होती है।
चीन को बदलना होगा
भारत और चीन के बीच टकराव क्यों?
कलिता ने कहा, ‘इसके कारण भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर अलग-अलग अवधारणाएं हैं, जिन पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं है। हम अधिकतर समय मौजूदा तंत्र के माध्यम से स्थिति को संभाल लेते हैं, लेकिन कई बार इससे टकराव हो जाता है।’ उन्होंने इस बात से इनकार किया कि चीन के साथ लगती सीमा पर कोई घुसपैठ हो रही है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी बताया जा रहा है, वह केवल अवधारणात्मक समस्या के कारण है। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध के बाद से घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि उचित तरीके से सीमांकन हो जाने के बाद कोई समस्या नहीं होगी।
पीएलए को अपनी संप्रभुता और सीमा की रक्षा के लिए अधिक शक्ति प्रदान करने के मकसद से चीन द्वारा जनवरी में लागू किए गए भूमि सीमा कानून के बारे में पूछे जाने पर कलिता ने कहा कि सेना और अन्य हितधारक नए कानूनों के विभिन्न प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं।
कलिता ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी समूहों ने अपना ‘वैचारिक आधार एवं लोगों का समर्थन’ खो दिया है और वे जबरन वसूली के साथ-साथ हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के जरिए स्वयं को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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Web Title : china army building infrastructure near the border with arunachal
Hindi News from Navbharat Times, TIL Network